Barsaat Ki Raat : बरसात की रात
Raj
रेश्मा ने बस एक शरारती मुस्कान दी। आनंद के लिए इतना इशारा काफी था। आगे झुकते हुए उन्होंने रेश्मा के माथे पर किस किया। रेश्मा ने आँखे बंद कर कर ली। दूसरे ही पल उन्होंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए। रेशमा ने एक गहरी सांस ली। पर उसने रोका नहीं।
आनंद ने हाथ बढाकर उसकी छाती पर रखा। रेश्मा की सांसे और तेज हो गयी। धीरे धीरे वो उसके स्तन सहलाने लगा। उसके मांसल स्तन बहुत बड़े और मुलायम थे। आनंद उसको हलके से मसलने लगा। रेश्मा भी अब गर्म हो चुकी थी। आनंद की करतूतें उसको अब अच्छी लगने लगी थी।
रेश्मा ने आंखे खोलकर आनंद की तरफ देखा। आनंद की नजरो में वासना की आग साफ़ दिखाई दे रही थी। संध्या के साथ की प्यार की कमी वो अब रेश्मा के साथ पूरी करना चाहता था। रेश्मा का हाल भी कुछ ऐसा हीं था। स्तनों के मसलने से उसके शरीर में भी कामुक प्यास बढ़ गयी थी। अपने होंठ खोलकर उसने आनंद के होठों का स्वागत किया। दोनों के होंठ भीड़ गए और उन्होंने एक आवेश पूर्ण दीर्घ चुंबन लिया।
आनंद ने अपनी जीभ रेश्मा के मुँह में घुसाई। रेश्मा के लिए ये सरप्राइज़ था। मगर उसको ऐसे कई सरप्राइज़ आज मिलने वाले थे। उसके मुंह के कोने-कोने में घूमने वाली जीभ से आनंद उसकी लार चख रहा था।
अब आनंद उसके स्तनों पर टूट पड़ा। दोनों हाथों से वो उसके स्तन मसलने लगा। रेश्मा के निप्पल अब बड़े हो चुके थे। टी-शर्ट के पतले कपडे में वो आसानी से नजर में आ रहे थे।
आनंद ने टी-शर्ट खिसका के उसके स्तन बाहर निकाले। कमरे की मंद रोशनी में भी, उसकी गोरी त्वचा चमक रही थी।
उस नंगे स्तनों पर हाथ फेरने का मजा कुछ और ही था। स्तनों की त्वचा बहुत ही मुलायम और सिल्की थी। संध्या के स्तन बड़े थे पर उसमे ऐसी कोमलता नहीं थी।
आनंद ने टी शर्ट उसकी गले से निकालकर शरीर से अलग कर दिया दिया। अब रेश्मा वहां अर्धनग्न अवस्था में आनंद के सामने पड़ी थी। मगर उसके चेहरे के शर्मीले भाव अब गायब हो चुके थे। नशीली आखों से वो आनंद का स्वागत कर रही थी। एक कामुक नशा उसके चेहरे पर छा गया।
आंखे बंद करके रेश्मा अपने स्तनों के मर्दन का आनंद ले रही थी। आनंद पलट-पलट के उसके दोनों स्तनों को चूस रहा था। बीच में जब वो रेश्मा के कड़े निप्पल अपने दांतों के बीच पकड़कर हलके से चबाता तब रेश्मा तड़प उठती थी।
रेश्मा अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी। आनंद के चूसने से...... Read More...
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आनंद ने हाथ बढाकर उसकी छाती पर रखा। रेश्मा की सांसे और तेज हो गयी। धीरे धीरे वो उसके स्तन सहलाने लगा। उसके मांसल स्तन बहुत बड़े और मुलायम थे। आनंद उसको हलके से मसलने लगा। रेश्मा भी अब गर्म हो चुकी थी। आनंद की करतूतें उसको अब अच्छी लगने लगी थी।
रेश्मा ने आंखे खोलकर आनंद की तरफ देखा। आनंद की नजरो में वासना की आग साफ़ दिखाई दे रही थी। संध्या के साथ की प्यार की कमी वो अब रेश्मा के साथ पूरी करना चाहता था। रेश्मा का हाल भी कुछ ऐसा हीं था। स्तनों के मसलने से उसके शरीर में भी कामुक प्यास बढ़ गयी थी। अपने होंठ खोलकर उसने आनंद के होठों का स्वागत किया। दोनों के होंठ भीड़ गए और उन्होंने एक आवेश पूर्ण दीर्घ चुंबन लिया।
आनंद ने अपनी जीभ रेश्मा के मुँह में घुसाई। रेश्मा के लिए ये सरप्राइज़ था। मगर उसको ऐसे कई सरप्राइज़ आज मिलने वाले थे। उसके मुंह के कोने-कोने में घूमने वाली जीभ से आनंद उसकी लार चख रहा था।
अब आनंद उसके स्तनों पर टूट पड़ा। दोनों हाथों से वो उसके स्तन मसलने लगा। रेश्मा के निप्पल अब बड़े हो चुके थे। टी-शर्ट के पतले कपडे में वो आसानी से नजर में आ रहे थे।
आनंद ने टी-शर्ट खिसका के उसके स्तन बाहर निकाले। कमरे की मंद रोशनी में भी, उसकी गोरी त्वचा चमक रही थी।
उस नंगे स्तनों पर हाथ फेरने का मजा कुछ और ही था। स्तनों की त्वचा बहुत ही मुलायम और सिल्की थी। संध्या के स्तन बड़े थे पर उसमे ऐसी कोमलता नहीं थी।
आनंद ने टी शर्ट उसकी गले से निकालकर शरीर से अलग कर दिया दिया। अब रेश्मा वहां अर्धनग्न अवस्था में आनंद के सामने पड़ी थी। मगर उसके चेहरे के शर्मीले भाव अब गायब हो चुके थे। नशीली आखों से वो आनंद का स्वागत कर रही थी। एक कामुक नशा उसके चेहरे पर छा गया।
आंखे बंद करके रेश्मा अपने स्तनों के मर्दन का आनंद ले रही थी। आनंद पलट-पलट के उसके दोनों स्तनों को चूस रहा था। बीच में जब वो रेश्मा के कड़े निप्पल अपने दांतों के बीच पकड़कर हलके से चबाता तब रेश्मा तड़प उठती थी।
रेश्मा अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी। आनंद के चूसने से...... Read More...
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